हिमाचल में पुलिस जवानों के लिए राहत की खबर, यहां देखें विस्तार से

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शिमला: हिमाचल पुलिस के जवानों को उनका हक मिलने वाला है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस 25 जनवरी को पुलिस जवानों की मांग पर जो ऐलान किया था, उस पर जल्द अमल होने की संभावना है. पुलिस पे-बैंड की फाइल वित्त विभाग से ओके हो गई है. अब ये फाइल कैबिनेट में जाएगी.

सरकार की हरी झंडी मिलते ही पुलिस के जवानों की मांग पूरी हो जाएगी. वित्त विभाग ने पुलिस पे बैंड के सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद फाइल को ओके किया है. वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि पे बैंड की फाइल को क्लियर कर दिया गया है.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल सरकार के गृह विभाग से आए प्रस्ताव के अनुसार 2015 और 2016 बैच के दो हजार से अधिक पुलिस जवानों का एरियर 23 करोड़ रुपए के करीब बनता है. नए पे बैंड के अनुसार वेतनमान पर भी सालाना 27 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च होगा. यहां बता दें कि पुलिस के जवानों में अपने साथ हो रहे इस अन्याय को लेकर रोष था. वे बार-बार सरकार के समक्ष अपनी मांग रख रहे थे.

सोलन के ठोडो मैदान (Thodo Maidan Solan) में पूर्ण राज्यत्व दिवस पर सीएम जयराम ठाकुर ने पुलिस जवानों की मांग को पूरा करने का ऐलान किया था. सीएम के ऐलान के बाद गृह विभाग ने सरकार को इस मसले से जुड़ा प्रस्ताव बनाकर भेजा था. वित्त विभाग ने उस प्रस्ताव के कई पहलुओं को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था और गृह विभाग को उक्त प्रस्ताव वापस लौटाया था.

गृह विभाग की तरफ से दोबारा प्रपोजल आने के बाद अब मामला क्लियर हुआ है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 के बाद भर्ती पुलिस जवानों के लिए हायर पे-बैंड पर अंतिम निर्णय राज्य सरकार के उस फैसले से जुड़ा हुआ है, जिसमें 2022 में राइडर के 2 साल पूरे करने वाले कर्मचारियों को लेकर बात होनी है. गृह विभाग ने क्लर्क की तरह ही पुलिस जवानों के लिए भी प्रपोजल भेजा था. इसलिए 2017 के बाद के जवानों के लिए फैसला सबके साथ ही होगा.

वहीं, राज्य सरकार के एक अन्य कदम के तहत हिमाचल में सरकारी विभागों में क्लास-थ्री के पदों को भरने के लिए प्रक्रिया को बदला जा रहा है. सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में निर्णय लिया था कि 15 अंकों का मूल्यांकन खत्म कर अब सिर्फ 100 नंबर के पेपर से ही मेरिट बनेगी. इस बारे में मुख्य सचिव ने मीटिंग की थी.

इस मीटिंग में हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के प्रतिनिधि और कार्मिक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मौजूद थे. इस मामले में पहले भी लॉ से ओपिनियन लिया गया था और फिर बैठक में भी दो बिंदुओं पर विधि विभाग से दोबारा से क्लेरिफिकेशन मांगा गया है. हालांकि फाइनल नोटिफिकेशन से पहले हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग ने अपने बोर्ड में प्रस्ताव पारित कर इस व्यवस्था को लागू कर दिया है.