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Jaisalmer: किसी देश का राष्ट्रपति जब भारत आता है तो उसके लिए कड़ी सुरक्षा और गाड़ियों का लंबा-चौड़ा लवाजमा होता है. लेकिन सिंगापुर के राष्ट्रपति राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम आजकल जैसलमेर में हैं और वह जैसलमेर टूरिज्म का लुत्फ बगैर गाड़ियों के लम्बे चौड़े लवाजमें, बगैर बुलेटप्रूफ गाड़ी और मामूली सिक्योरिटी के साथ उठा रहे हैं. वह पैदल ही सड़कों पर घूमते नजर आते हैं.
दरअसल, सिंगापुर के राष्ट्रपति परिवार के साथ 4 दिन की जैसलमेर यात्रा पर आए हैं, वे सादगी से जैसलमेर की सड़कों पर पैदल घूम रहे हैं या ऑटो रिक्शा में घूम रहे हैं, वह बिना किसी तामझाम के खरीददारी के लिए किसी भी दुकान में जा रहे हैं. राष्ट्रपति थर्मन की सादगी व पैदल घूमने के चर्चे टूरिस्ट भी करने लगे हैं. लोग कह रहे कि काश हमारे देश में भी ऐसा ही होता. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री ऐसे ही सादगी व बगैर किसी बड़े लवाजमे व तामझाम से अपनी यात्रा पर जाए.
जैसलमेर में परिवार के साथ उठा रहे लुत्फ
बुधवार को सिंगापुर के राष्ट्रपति ने विश्व विख्यात सोनार किले का पैदल भ्रमण किया, उन्होंने किले में जाने के लिए ऑटो रिक्शा लिया, इससे पहले राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम ने सपरिवार को 870 साल पुराने प्राचीन जैसलमेर शहर की सड़कों पर कड़ी सुरक्षा के बीच पैदल घूमकर पूरे शहर को निहारा व आम लोगो से बात की व यहां ट्रेडिशनल हस्तकला कशीदाकारी से निर्मित वस्तुओं की खरीददारी की. साथ ही पट्वा हवेली सहित स्थानीय पर्यटक स्थलों का भी विजिट कर यहां की वास्तुशिल्प कला भी देखी. देर शाम सम के रेतीले धोरो पर सपत्निक ऊंठ की सवारी की व राजस्थानी लोक संगीत व नृत्य का आनंद उठाया.
जैन मंदिर की शानदार नकाशी देख बोले – वंडरफुल
बुधवार को उन्होंने जैसलमेर के विश्व विख्यात सोनार दुर्ग पहुंचे. जहां उन्होंने विजिट किया. जैसलमेर में सोनार दुर्ग में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम तो थे मगर राष्ट्रपति ने अपनी गाड़ी को छोड़ पैदल भ्रमण करना चुना और जैसलमेर के किले व हवेलियों की कला संस्कृति से रूबरू हुए. किले में जैन टेंपल में टेंपल की नकाशी और जैसलमेर की पुरानी धरोहर को इन्होंने जब देखा तो वही जैन मंदिर की शानदार नकाशी देख बोले वंडरफुल. जैन मंदिर से पैदल सोनार दुर्ग महाराजा पैलेस के आगे पहुंचे और वहां खड़े एक ऑटो को पहले चेक किया फिर उस ऑटो में बैठ गए और ऑटो की सवारी कर ही सोनार दुर्ग से नीचे उतरे. राष्ट्रपति को ऑटो में देख हर उनकी सादगी से हर कोई अचंभित नजर आया.
कशीदाकारी प्रोडक्ट से हुए इंप्रेस – ऐग्जिबिशन लगाने का निमंत्रण दिया
इससे पहले उन्होंने जैसलमेर के पर्यटन स्थलों का विजिट किया, उन्होंने अद्भुत नक्काशी व सोने के रंग वाली पटवा हवेली के नजारों व हवेली वास्तुकला को देखकर सिंगापुर के राष्ट्रपति आश्चर्यचकित रह गए और करीब 1 घंटे से अधिक समय तक इस बारीकी से निहारा. इसके बाद वे शहर के सड़कों पर पैदल निकले. यहां की गलियों, मौहल्लों आदि में घूमकर यहां की शिल्पसौन्दर्य कला से वाकिफ होकर अभिभूत हुए. उन्होंने पैदल घूमते अपने परिवार के साथ पटवा हवेली, चिड़िया हवेली और मुख्य बाजार होते हुए भाटिया मार्केट पहुंचे. यहां पर कई दुकानों में गए व यहां की पारम्परिक हस्तकला की वस्तुएं, बैडशीट्स, वॉल हैंगिंग साड़ियों आदि की खरीददारी की. वे कशीदाकारी से बने प्रोडक्ट से इतने इंप्रेस हुए की उन्होंने अपने लिए भी पुरानी साड़ियों की बनी बेडशीट, रनर, वॉल हैगिंग आदि खरीदे. साथ ही चिड़िया हवेली के प्रतीश चांडक को सिंगापुर में कशीदाकारी के प्रोडक्ट की ऐग्जिबिशन लगाने का निमंत्रण भी दिया.
साड़ी खरीदने के लिए पहुंचे नाचना हवेली
साड़ियां खरीदने के बाद वे सपरिवार नाचना हवेली पहुंचे. वहीं देर शाम सम के रेतीले धोरों पर पहुंचे जहां सनसेट का लुफ्त उठाया. उन्होंने सपत्नीक ऊंठ की सवारी की. इसके बाद रात को राजस्थानी गाला डांस संगीत, राजस्थानी फूड का लुत्फ उठाया.