हरियाणा में धान बेचने से बार्डर पर किसानों को रोका, प्रदर्शन कर जाम लगाया

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शामली। धान बेचने जा रहे किसानों को फिर से हरियाणा पुलिस-प्रशासन ने बार्डर पर रोक दिया है। कैराना और झिझाना में बार्डर पर धान लदे ट्रैक्टर-ट्रालियों की कतार लगी है। मंडियों में अधिक भीड़ होने का हवाला देते हुए मोटा धान नहीं ले जाने दिया जा रहा है। जबकि, बासमती की बिक्री पर रोक नहीं है। नाराज किसानों ने कैराना में यमुना पुल चौकी के पास प्रदर्शन भी किया और झिझाना क्षेत्र में मेरठ-करनाल हाईवे पर किसानों ने जाम लगा दिया।

शामली के साथ ही मेरठ और मुजफ्फरनगर के किसान भी धान बेचने के लिए हरियाणा की करनाल, पानीपत और समालखा मंडी में जाते हैं। शुक्रवार रात को झिझाना के बिड़ौली बार्डर पर करनाल धान बेचने जा रहे किसानों को रोक दिया था, लेकिन शनिवार दोपहर में जाने दिया था। दरअसल, हरियाणा की मंडियों में स्थानीय किसानों से मोटे धान की खरीद को प्राथमिकता दी जाती है। स्थानीय किसानों की मंडियों में भीड़ है। रविवार सुबह से सोमवार दोपहर तक रुक-रुककर बारिश हुई थी। ऐसे में दो दिन धान की आवक नहीं रही। सोमवार रात से किसानों का आना शुरू हो गया था। कैराना और झिझाना में बार्डर पर हरियाणा पुलिस प्रशासन ने किसानों को रोक लिया। कहा गया कि मंडियों में भीड़ है और जब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी, तब तक जाने नहीं दिया जाएगा। फिलहाल उत्तर प्रदेश से आने वाले मोटे धान पर प्रतिबंध है। मंगलवार सुबह तक ट्रैक्टर-ट्रालियों की लाइन कैराना में यमुना ब्रिज चौकी के निकट तक लग गई। किसानों ने बार्डर पर प्रदर्शन शुरू कर दिया और चौकी पुलिस ने किसी तरह किसानों को समझाकर शांत किया। वहीं, जाम की समस्या भी बनी रही। किसान नेता राजन जावला का कहना है कि यूपी हरियाणा सीमा पर धान की फसल को ले जा रहे किसानों को रोकना गलत है। देश में किसान कहीं भी फसल बेच सकता है। किसान शिवकुमार का कहना है कि दोनों प्रदेशों में भाजपा सरकार होने के बावजूद हरियाणा पुलिस प्रशासन की ओर से किसानों को रोका जा रहा है।

संवाद सूत्र, झिझाना: झिझाना के बिड़ौली में हरियाणा बार्डर पर करनाल मंडी जाने वाले किसानों को सोमवार रात में रोक दिया। करनाल प्रशासन ने बार्डर पर एक डयूटी मजिस्ट्रेट व पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। उत्तर प्रदेश के किसानों को वापस भेजा जा रहा है। गुस्साए किसानों ने अपनी ट्रैक्टर ट्राली को आड़ा- तिरछा खड़ा कर मेरठ-करनाल हाईवे को जाम कर दिया है। किसानों का कहना है कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन चल रहा है, लेकिन इसके बाद भी किसानों की समस्याओं से किसी को सरोकार नहीं है। जब किसान कहीं भी फसल बेच सकता है तो उत्तर प्रदेश के किसानों को क्यों रोका जा रहा है। करनाल जनपद की यमुना पुल मंगलौरा पुलिस चौकी प्रभारी सतपाल सिंह ने बताया कि हरियाणा प्रशासन ने यूपी से आने वाले मोटे धान पर प्रतिबंध लगा दिया है । इसलिए मोटे धान को वापस भेजा जा रहा है। बासमती धान पर कोई रोक नही है।

हरियाणा की मंडियों में वहीं के किसानों से मोटा धान खरीद को प्राथमिकता दी जा रही है। शनिवार को जिलाधिकारी ने करनाल प्रशासन से इस संबंध में बात भी की थी। कहा गया था कि भीड़ कम होने पर ही उत्तर प्रदेश के किसानों को आने दिया जाएगा। जिले में धान खरीद के सात केंद्र हैं और जिले के किसानों से धान लेकर आने की अपील भी की जा रही है।