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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश कर दिया है। इस बजट में इनकम टैक्स पेयर्स को बड़ी राहत दी गई है। हालांकि, ये राहत न्यू टैक्स रिजीम के तहत आने वाले टैक्सपेयर्स के लिए है। अब सवाल है कि जो टैक्सपेयर्स अब तक ओल्ड स्लैब के तहत रिटर्न फाइल करते रहे हैं, उन्हें क्या करना है। आइए इसके बारे में समझ लेते हैं।
नहीं करना होगा कुछ: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बताया है कि नए टैक्स रिजीम को ‘डिफॉल्ट’ शिफ्ट करने का प्रस्ताव है। मतलब ये हुआ कि इसके लिए आपको कुछ नहीं करना होगा। आप खुद-ब-खुद न्यू टैक्स रिजीम के दायरे में आ जाएंगे। हालांकि, नागरिकों के पास पुरानी टैक्स व्यवस्था का लाभ उठाने का विकल्प बना रहेगा।
आपको बता दें कि अब भी ओल्ड और न्यू टैक्स में से किसी एक का चयन करना होता था। दोनों ही टैक्स स्ट्रक्चर में सेक्शन 87 ए के तहत 5 लाख रुपये तक की इनकम पर रीबेट मिलता रहा है।
स्लैब में बदलाव: केंद्र सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया है। स्लैब की संख्या 7 से घटाकर 6 की गई है। अब जीरो से तीन लाख तक की इनकम पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, तीन से छह लाख रुपये पर 5 प्रतिशत और छह से नौ लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, नौ लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत और 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा।