हमारी नींव ह‍िलाने की कोश‍िश थी…अडानी ने खोला राज, ह‍िंडनबर्ग के आरोपों से कैसे बाहर न‍िकले

There was an attempt to shake our foundation...Adani revealed the secret, how to get out of Hindenburg's allegations
There was an attempt to shake our foundation...Adani revealed the secret, how to get out of Hindenburg's allegations
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Hindenburg Attack on Adani Group: ह‍िंडनबर्ग र‍िसर्च की तरफ से अडानी ग्रुप (Adani Group) पर लगाए गए आरोपों को एक साल से भी ज्‍यादा का समय बीत गया है. 24 जनवरी 2023 को जब ग्रुप पर शेयरों की कीमत में हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया तो ग्रुप की कंपन‍ियों के शेयर में भारी ग‍िरावट देखी गई थी. इसका असर अडानी की नेटवर्थ पर भी पड़ा था और वह दुन‍िया के अरबपत‍ियों की ल‍िस्‍ट में टॉप 20 से भी बाहर हो गए थे. हालांक‍ि गौतम अडानी ने ह‍िंडनबर्ग के आरोपों को न‍िराधार बताया था. बाद में अडानी ग्रुप की कंपन‍ियों को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से क्‍लीनच‍िट म‍िल चुकी है.

मुझे पूरी उम्‍मीद थी…यह समय जल्द खत्म हो जाएगा

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने मुंबई में बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान बताया क‍ि क‍िस तरह अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग र‍िसर्च के झूठे आरोपों का सामना क‍िया. उन्‍होंने कहा, हम उसके बाद मजबूत होकर उभरे और कुछ ही समय में हमने वापसी कर ली. अडानी ने कहा, ह‍िंडनबर्ग के आरोपों की खबर जब मैंने देखी तो मेरी पहली प्रतिक्रिया यही थी क‍ि सभी आरोप पुराने थे, ज‍िन्‍हें अलग तरह से पेश किया गया था. इस तरह के हमले ग्रुप पर नए नहीं थे, मुझे पूरी उम्‍मीद थी क‍ि पहले किए गए हमलों की तरह यह भी जल्दी खत्म हो जाएगा.

कॉर्पोरेट दुनिया का सबसे बड़ा हमला
उन्‍होंने अपनी बात रखते हुए यह माना क‍ि यह ग्रुप के ल‍िए मुश्‍क‍िल समय था. अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग का आरोप कॉर्पोरेट दुनिया का सबसे बड़ा हमला था. मुझे यह कहने में कतई संकोच नहीं है क‍ि यह टू-डायमेंशनल अटैक था. यह हमला केवल फाइनेंश‍ियल मार्केट ही नहीं बल्कि पॉल‍िट‍िकल प्‍लेटफॉर्म पर भी खेला गया. दोनों को एक-दूसरे का सपोर्ट था. इसे भारत और व‍िदेश में मीड‍िया के एक वर्ग का सपोर्ट था.

साज‍िश समझने में ज्‍यादा समय नहीं लगा
शुरुआत में हमने इसे हल्‍के में ल‍िया था. लेक‍िन बाद में ग्रुप के ख‍िलाफ की गई साज‍िश को समझने में हमें ज्‍यादा समय नहीं लगा. इस तरह के संकट और आरोपों से न‍िपटने का ग्रुप के पास पुराना कोई अनुभव नहीं था. लेक‍िन हमने खुद को संभालने के ल‍िए जवाबी रणनीति तैयार की. इसी रणनीत‍ि के तहत ग्रुप ने सबसे पहले फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) से मिली 20,000 करोड़ रुपये को वापस क‍िया. ग्रुप ने 70,000 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया और 17,500 करोड़ रुपये के लोन को समय से पहले चुकता क‍िया. इस दौरान अधिकारियों से गैर जरूरी खर्च को कम करने और ब‍िजनेस पर फोकस करने के ल‍िए कहा.

अडानी ग्रुप ने ग्रोथ को बरकरार रखते हुए खावदा, धारावी, कॉपर स्मेल्टर जैसे नई प्रोजेक्‍ट पर काम जारी रखा. एक स्पेशल टीम सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार की गई. अपने सभी पार्टनर के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत करने का भी कार्यक्रम तय क‍िया. इस पूरे मामले से दो सीख मिलीं, पहली यह क‍ि ऐसे समय में कंपनी के पास नकदी होना जरूरी है. दूसरा यह क‍ि सभी स्‍टेकहोल्‍डर्स के साथ बातचीत और उन्‍हें सही जानकारी देना जरूरी है. हम यह समझ गए क‍ि केवल अच्छा काम करना ही जरूरी नहीं है बल्‍क‍ि अपनी कहानी लोगों को भी बतानी होगी.