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Uttar Pradesh News: यूपी परिवहन निगम पिछले 10 साल में पहली बार घाटे का सामना कर रहा है. पिछले तीन साल से किराया नहीं बढ़ाने और इस दौरान डीजल के दाम में 26 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा की बढ़ोतरी के कारण इस साल यह घाटा 210 करोड़ रुपये को पार कर गया है. ऐसे में रोडवेज किराया बढ़ाने का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजने की तैयारी कर रहा है.
खास बात यह है कि एक जनवरी 2020 के बाद से यूपी में किराया भी नहीं बढ़ा है, ऐसे में रोडवेज को हर महीने 52 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हो रहा है. साथ ही स्पेयर पार्ट्स के दाम भी बढ़ गए हैं. साथ ही प्रतिदिन 15-16 लाख यात्री सफर करते हैं और विभाग को प्रतिदिन लगभग 12 करोड़ रुपये की आय हो रही है.
एमडी रोडवेज संजय कुमार के मुताबिक रोडवेज को नुकसान न हो और यात्रियों पर बोझ न पड़े, इस पर चर्चा की जा रही है. इसके लिए हितधारकों से सुझाव भी मांगे गए हैं. ज्ञात हो कि प्रदेश में 11,200 रोडवेज बसें चल रही हैं. भीषण ठंड या सहायता के अभाव में यह आमदनी काफी कम हो जाती है, जबकि खर्च करीब 14 करोड़ रुपए प्रतिदिन है. यहां 16 हजार स्थायी और 30 हजार अस्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं. बोर्ड इस साल किराया बढ़ाने पर विचार कर सकता है.