यूपी में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब से छात्रवृत्ति…

इस खबर को शेयर करें

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार से स्कॉलरशिप लेने 55 लाख छात्रों के लिए जरूरी खबर है. स्कॉलरशिप के नाम पर फर्जीवाड़ा न होने पाए इसलिए प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. जहां गरीब छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने के लिए नियमों को शिथिल किया है, वहीं इसमें फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो समाज कल्याण विभाग एनआइसी के माध्यम से ऐसा साफ्टवेयर विकसित कर रहा है, जिसमें प्रमाणपत्रों का लाइव मिलान हो सकेगा.

वहीं, यदि प्रमाण पत्र फर्जी है तो उसका नंबर फीड करने पर आनलाइन आवेदन पत्र जमा ही नहीं होगा. इसके अलावा आय और जाति प्रमाण पत्र फर्जी हुआ तो ऑनलाइन आवेदन पत्र भी नहीं भरा जा सकेगा. इसके अलाावा समाज कल्याण विभाग ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिए संशोधित नियमावली जारी कर दी है.

55 फीसदी अंक की बाध्यता खत्म
समाज कल्याण विभाग की तरफ से प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए स्नातक में 55 फीसदी अंकों की बाध्यता भी खत्म कर दी गई है. अब स्नातक में 50 फीसद अंक पाने वाले वे छात्र भी छात्रवृत्ति के आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया है.

इन छात्रों को नई मिलेगी स्कॉलरशिप
सरकारी नियमावली के अनुसार आइटीआइ में दाखिला लेने वाले ऐसे छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी, जिन्होंने कक्षा आठ या हाईस्कूल की परीक्षा छह साल पहले पास की है. सरकार ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण की अध्यक्षता में गठित उस समिति को भी खत्म कर दिया है, जो अपने स्तर से कुछ विशेष मामलों में छात्रवृत्ति अनुमोदित कर देती थी.

ट्रांजेक्शन फेल होने पर भी मिलेगी छात्रवृत्ति
दशमोत्तर छात्रवृत्ति में ट्रांजेक्शन फेल होने पर भी अब छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति मिल सकेगी. केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को दशमोत्तर छात्रवृत्ति वितरित करने के लिए एक अलग खाता स्टेट बैंक आफ इंडिया में खोलने के निर्देश दिए हैं.