अभी अभी: राजस्थान में महाराष्ट्र पैटर्न लागू करने की तैयारी, दहशत में कांग्रेस

Now now: Preparations to implement Maharashtra pattern in Rajasthan, Congress in panic
Now now: Preparations to implement Maharashtra pattern in Rajasthan, Congress in panic
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जयपुर। राजस्थान के भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि राजस्थान में भी महाराष्ट्र की तरह खेला होगा। भाजपा नेताओं के बयानों से संकेत मिल रहे है कि पार्टी आलाकमान की नजरें राजस्थान पर है। राजस्थान में भी महाराष्ट्र पैटर्न लागू हो सकता है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया प्रदेश में महाराष्ट्र जैसे हालात होने के संकेत दे रहे हैं। प्रदेश के भाजपा नेताओं का कहना है कि गहलोत सरकार जुगाड़ से चल रही है। सरकार खुद गिर जाएगी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस में आंतरिक संघर्ष है। मंत्री-विधायक एक साथ नहीं बैठते। ऐसे हालात में कुछ भी हो सकता है। चतुर्वेदी का कहना है कि राजस्थान कांग्रेस में चल रहा आतंरिक संघर्ष हमें मध्यावधि चुनाव की ओर ले जा रहा है। जिस तरह से भाजपा नेताओं के बयान आ रहे हैं, उससे राज्य की सियासत का पारा गर्मा गया है।

कांग्रेस का पलटवार

हालांकि, सीएम गहलोत के करीबी जलदाय मंत्री महेश जोशी ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा नेता मुंगेरलाल के हसीन सपने देखने के लिए स्वतंत्र है। जनता एक बार फिर भाजपा को जवाब देगी। महेश जोशी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के विधायक के खरीद-फरोख्त के प्रयास सफल नहीं होंगे और फिर से मुंह की खानी पड़ेगी।

केंद्रीय मंत्री शेखावत जोड़-तोड़ में माहिर

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि गहलोत सरकार जुगाड़ के भरोसे है। जिसका टायर कब फट जाए पता नहीं। उन्होंने कहा कि जुगाड़ की इस सरकार में न स्टेयरिंग का पता है और न इसमें हॉर्न बजता है। ऐसे में ये जुगाड़ वाली सरकार चलती नहीं, केवल खिसकती ही है। सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी खुद कमजोर है और तोहमत भाजपा पर लगाती है। लेकिन बचाव का यह तरीका बेहद कमजोर हो चुका है। हाल ही में चौमूं में बीजेपी की जन आक्रोश रैली में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मध्यप्रदेश में विधायकों के सरकार में किए गए बदलाव का उदाहरण देते हुए सचिन पायलट का नाम लिया था और कहा था कि थोड़ी चूक राजस्थान में पायलट जी से हो गई। उसके बाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राजस्थान में मध्यावधि चुनाव की संभावना जता दी थी और अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का यह बयान इस बात का संकेत है कि भाजपा आलाकमान की नजरें अब राजस्थान पर भी है।

महाराष्ट्र जैसे हालात संभव नहीं

जानकारों का कहना है कि भाजपा नेता भले ही दावे करें लेकिन राजस्थान में महाराष्ट्र जैसे हालात होना मुमकिन नहीं है। विधानसभा में संख्या बल कांग्रेस के पक्ष में है। हाल ही में संपन्न हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को 126 विधायकों का समर्थन मिला था। कांग्रेस के 108, 13 निर्दलीय, एक आरएलडी, दो सीपीएम और दो बीटीपी विधायकों को मिलाकर 126 विधायकों के समर्थन है। भाजपा कुछ निर्दलीयों और नाराज कांग्रेस विधायकों में सेंध लगाने का प्रयास भी करें तब भी महाराष्ट्र जैसे हालात उत्पन्न नहीं होंगे। विधानसभा में भाजपा के पास 70 विधायक है। भाजपा नेताओं के बयान गहलोत सरकार को कमजोर करने की दिशा में अपनाई गई एक रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

सीएम गहलोत ने हर रणनीति को किया फेल

राजस्थान की राजनीति में सीएम अशोक गहलोत बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं। भाजपा मध्यप्रदेश और कर्नाटक में सियासी उलटफेर करने में सफल हो गई है, लेकिन राजस्थान में सीएम गहलोत की रणनीति सामने भाजपा के सियासी समीकरण गड़बड़ा गए। साल 2020 में पायलट गुट की बगावत के बावजूद भी सीएम गहलोत ने अपनी सरकार को गिरने से बचा लिया। सीएम गहलोत ने विधानसभा उप चुनाव से लेकर राज्यसभा के चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त दी है।