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शिमला: हिमाचल प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड के प्रकोप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नदियां और झीलें जम गई हैं। तापमान गिरकर माइनस 15 डिग्री पर पहुंच गया है। ऐसे में मौसम विभाग ने लोगों की परेशानी बढ़ाने वाला अपडेट दिया है। विभाग के अनुसार,अगले दो दिन तक अलग-अलग स्थानों पर बारिश और बर्फबारी हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मंगलवार और बुधवार को ऊपरी इलाकों में बर्फबारी होगी, जबकि मध्य और निचले स्थानों पर अलग-अलग जगह बारिश हो सकती है। 11 जनवरी के बाद मौसम साफ होने की उम्मीद है।
नदियां-झीलें जमीं
राज्य में शीतलहर का प्रकोप जारी है। लाहौल स्पीति के सिस्सू में झील जम गई है। यहां तापमान गिरकर माइनल 15 डिग्री पर पहुंच गया है। कुछ नदियां भी तापमान के माइनस में पहुंचने से जम गई हैं। मैदानी इलाकों में धुंध और कोहरे की वजह से हिमाचल प्रदेश में शीतलहर चल रही है। सुंदरनगर, भुंतर, मंडी, कल्पा, केलोंग, समदो और कुकुमसेरी जैसे शहरों में तापमान शून्य से नीचे है। शिमला और पालमपुर भी शीतलहर की चपेट में हैं। विभाग ने लोगों को दैनिक दिनचर्या (डेली रूटीन) और बाहरी गतिविधियों में आने वाले अवरोध के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।
सर्दी के मौसम में सौ फीसदी कम बारिश
हिमाचल प्रदेश में बरसात के मौसम में जहां बारिश ने खूब कहर बरपाया है। वहीं, अब सर्दी के मौसम में प्रदेश सूखे की चपेट में आ गया है। सर्दी के मौसम में अभी तक प्रदेश में सौ फीसदी कम बारिश और बर्फबारी हुई है जिससे पिछले 17 साल के रिकॉर्ड भी टूट गए हैं। इससे पहले 2007 में माइनस 99 फीसदी कम बारिश हुई थी। भी तक 8 जनवरी तक 100 फीसदी कम बारिश हुई है और पूरे जनवरी महीने में भी बारिश और बर्फबारी होने की कम ही संभावना है।
अल नीनो की वजह से पड़ रही सूखी ठंड
ऊंचे पर्वतीय दर्रों पर बमुश्किल बर्फबारी, सफेद ढलानों पर स्कीइंग करने की उम्मीद कर रहे लोगों की निराशा और पर्यटकों का पहाड़ी स्थलों की यात्राएं रद्द करना…इन सबके साथ पूरे उत्तर-पश्चिम हिमालय में असामान्य रूप से शुष्क सर्दी के लिए अल नीनो प्रभाव जिम्मेदार है और निकट भविष्य में राहत मिलती नहीं दिख रही। अल नीनो का असर तब दिखाई देता है जब समुद्र की सतह का तापमान पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र के औसत से अधिक हो और ‘ट्रेड विंड’ कमजोर हो रही हों। बर्फबारी नहीं होने से हिमपात का वार्षिक चक्र प्रभावित होता है।