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पटना। ‘हम पढ़ाई करना चाहते हैं। बालिग हो चुके हैं। हमें अपने जीवन के फैसले लेने का हक है। माता-पिता से कहा था कि हमें पढ़ने दें, मगर वे नहीं माने। स्कूल जाने के क्रम में जब शाेहदे छेड़ते थे तो शिकायत घरवालों से करते थे, तब हमें ही झाड़ लगती थी। उल्टे कहा जाता था कि ऐसी बात को छिपा कर रखो, वरना तुम्हारी शादी अच्छी जगह नहीं हो पाएगी।’ यह दर्द हरियाणा से भागकर पटना पहुंची उन तीन छात्राओं की है, जो पढ़ाई करना चाहती है, लेकिन घरवाले शादी करने को विवश कर रहे थे। ये छात्राएं 18-19 वर्ष के बीच है और इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही हैं।
20 फरवरी को घर से भागी थीं तीनों छात्राएं
हरियाणा के फरीदाबाद जिले की पुलिस मंगलवार की सुबह पटना के कदमकुआं थाने में तीन लड़कियों की तस्वीर लेकर आई थी। एक मोबाइल नंबर भी था, जिसका लोकेशन साेमवार को सैदपुर इलाके में मिला था। पुलिस को मंगलवार की सुबह मोबाइल का लोकेशन करबिगहिया क्षेत्र में मिला। कदमकुआं थाने की पुलिस के सहयोग से हरियाणा पुलिस ने तीनों छात्राओं को बरामद कर लिया।
तीनों 20 फरवरी को घर से भागी थीं। अगले दिन उनके अभिभावकों ने फरीदाबाद के थानों में शिकायत की। तीनों एक-दूसरे से परिचित हैं। उन्होंने कदमकुआं थाने में हरियाणा जाने से इनकार कर दिया। वहां की पुलिस का कहना था कि अभिभावकों ने उन्हें नाबालिग बताया है, इसलिए इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। हरियाणा पुलिस तीनों को साथ लेकर चली गई।
कर रही थीं कोचिंग संस्थान की तलाश
छात्राओं ने बताया कि यूट्यूब पर मालूम हुआ कि पटना में पठन-पाठन का अच्छा माहौल है। फरीदाबाद से ट्रेन पकड़ कर पटना आई थीं। यहां कुछ दिनों तक रहने-खाने का इंतजाम हो सके, इसलिए वे घर से रुपये भी साथ लेकर आई थीं। पटना जंक्शन से तीनों करबिगहिया इलाके में गईं, जहां 15 सौ रुपये में किराये पर कमरा लिया।
इसके बाद सैदपुर और भिखना पहाड़ी इलाके में घूम कर अच्छे कोचिंग संस्थानों की तलाश कर रही थीं। छात्राओं ने बताया कि कोचिंग संस्थान में नामांकन कराने के बाद वहां पढ़ने वाले दूसरे छात्रों से जान-पहचान बढ़ातीं और उनके माध्यम से छोटी-मोटी नौकरी पाकर पढ़ाई पूरा करने की योजना थी।