यूपी में प्राइमरी स्कूलों को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, जारी हुआ यह आदेश

Yogi government's big decision regarding primary schools in UP, this order was issued
Yogi government's big decision regarding primary schools in UP, this order was issued
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लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के प्राइूमरी स्‍कूलों की सूूरत बदलने के लिए योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। 12 शोध संस्थान और विश्‍वविद्यालय बेसिक शिक्षा विभाग के साथ काम करेंगे। ये संस्थान विभाग की योजनाओं का आकलन करेंगे। इनमें गिरी शोध संस्थान, जीबी पंत शोध संस्थान के साथ कई विश्वविद्यालयों के समाज कार्य विभाग शामिल हैं। नवम्बर 2022 से एक साल तक के लिए इन संस्थानों के साथ अनुबंध किया गया है।

इन संस्थाओं की रिपोर्ट पर नीतियों में बदलाव किया जाएगा। इन्हीं संस्थानों के मार्फत बेसिक शिक्षा विभाग अपने परिषदीय स्कूलों में चल रही डीबीटी योजना का सर्वे पूरे प्रदेश में कराएगा। यह सर्वे इस वर्ष के अंत में करवाया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने 12 संस्थानों को सम्बद्ध किया है। इसमें प्रयागराज स्थित गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान, लखनऊ स्थित गिरि विकास अध्ययन संस्थान, आगरा स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, कानपुर स्थित शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विवि, बुंदेलखण्ड विवि, ज्योतिबा फूले रूहेलखण्ड विवि, लखनऊ विवि, अयोध्या स्थित राम मनोहर लोहिया विवि के समाज कार्य व समाज शास्त्रत्त् विभागों को समग्र शिक्षा द्वारा नवम्बर 2022 से फरवरी, 2023 तक सम्बद्ध किया गया है।

मातृत्व अवकाश का आदेश जल्द जारी करने की मांग
परिषदीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत अध्यापिकाओं को दो साल के अंतराल से पहले मातृत्व अवकाश लेने का आदेश बेसिक शिक्षा विभाग जल्द करे। शिक्षक संगठन यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सहित विभाग के उच्चाधिकारियों से पत्र लिख कर जल्द आदेश जारी करने की मांग की है। यूटा मीडिया प्रभारी सतेंद्र पाल सिंह ने कहा कि अध्यापिकाओं को दो वर्ष के भीतर मातृत्व अवकाश मिलना चाहिए। इसमें अधिकारी हीला-हवाली न करें। यूटा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि इस आदेश से परिषदीय स्कूलों की शिक्षिकाओं को राहत मिली है।

शिक्षकों के भुगतानों के लिए होगी पारदर्शी व्यवस्था

शिक्षकों के लंबित एरियर भुगतान की पारदर्शी व्यवस्था होगी। वित्त और लेखाधिकारी के स्तर पर बनेगा इसका अलग रजिस्टर बनाया जाएगा। एक महीने के भीतर यह व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश हैं। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।