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शिमला: लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश में बड़ा सियासी घटनाक्रम हुआ है। राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफ़ा सौंप दिया। 2022 के राज्य विधानसभा चुनावों में हमीपुर से निर्दलीय जीते आशीष शर्मा, देहरा से होशियार सिंह और नालागढ़ से के एल ठाकुर ने शुक्रवार को शिमला पहुंचकर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को इस्तीफा सौंपा। ये तीनों निर्दलीय विधायक राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के बाद कांग्रेस के छह बागी विधायकों संग दिल्ली में डटे थे। करीब 25 दिन बाद दिल्ली से शिमला लौट कर उन्होंने सभी की सियासत में भूचाल ला दिया।
इनके इस्तीफा देने के बाद राज्य विधानसभा में खाली सीटों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। 68 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के छह विधायकों को पार्टी व्हीप का उल्लंघन करने पर विधानसभा अध्यक्ष अयोग्य ठहराकर उनकी विधानसभा सदस्य रद्द कर चुके हैं। चुनाव आयोग छह खाली सीटों पर विधानसभा उपचुनाव की घोषणा कर चुकी है, जिन पर पहली जून को लोकसभा चुनाव के साथ उपचुनाव होना है। अब तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे से राज्य की 9 सीटों पर उपचुनाव होगा।
भाजपा में होंगे शामिल
इस्तीफा देने के बाद निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, आशीष शर्मा और के एल ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में राज्य की कांग्रेस सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया। इन तीनों ने कहा कि सुक्खू सरकार उन्हें प्रताड़ित कर रही है। पिछले 15 महीनों में उनके हलकों में कोई काम नहीं हुए। कई मौकों पर उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश हुई। उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था जिसके चलते यह फैसला अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास को हित में किया है। राज्यसभा चुनाव के बाद उन्हें और उनके परिवार को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था मुख्यमंत्री बदले की राजनीति कर रहे हैं। उनके ऊपर एफआईआर की जा रही है। परिवारों को प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है। उनके कारोबार ठप्प हो गए हैं इसके बाद उन्होंने यह फैसला लिया है।
इन तीनों ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय विधायक अपने मत का प्रयोग करने के लिए आजाद थे इसलिए बाहरी उम्मीदवार की जगह हिमाचल प्रदेश के उम्मीदवार के पक्ष में मत का प्रयोग किया जिसके बाद से मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू बदले की भावना से काम कर रहे हैं। निर्दलीय विधायकों ने कहा कि वे जल्द बीजेपी ज्वाइन करके भाजपा के टिकट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। पूरा देश आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है इसी को देखते हुए क्षेत्र के लिए यह फैसला लिया है।