हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों का षड्यंत्र?: एडमिशन फॉर्म में जोड़ा ये नियम, नहीं होगी स्कूल की जिम्मेदारी

Conspiracy of private schools of Haryana?: This rule added in the admission form, the school will not be responsible
Conspiracy of private schools of Haryana?: This rule added in the admission form, the school will not be responsible
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महेंद्रगढ़ : हरियाणा में प्राइवेट स्कूल के संचालक अपने बचाव के लिए एक अंडरटेकिंग का एक नया पैंतरा अपना रहे हैं। जहां महेंद्रगढ़ हादसे के बाद प्रशासन स्कूलों को साथ सख्ती बरत रही है, वहीं स्कूल अपनी खामियां दूर करने के बजाय बचाव का रास्ता ढूढ़ रही है। एडमिशन फॉर्म पर छोटे फॉन्ट में लिखा गया है कि अगर कोई हादसा होता है तो स्कूल की जिम्मेदारी नहीं होगी और अनजाने में बच्चों के माता-पिता इस पर साइन भी कर रहे हैं।

नियमों के में जोड़ा गया ये लाइन
एडमिशन फॉर्म में ही स्कूल के नियमों में इस एक लाइन को जोड़कर अभिभावकों से इस संदर्भ में अंडरटेकिंग ली जा रही है। ताकि भविष्य में यदि हादसा होता है तो स्कूल संचालक इसी फार्म को दिखाते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ सकें। इन नियमों के लाइन लिखवाया गया है कि मैं छात्रों के परिवहन के दौरान होने वाली किसी भी दुर्घटना के लिए स्कूल अधिकारियों को जिम्मेदार नहीं ठहराऊंगा। भ्रमण के दौरान, स्कूल आते-जाते समय कोई हादसा होता है तो यह पूरी जिम्मेदारी मेरे उपर है।

प्ले-वे स्कूलों ने भी अपनाया यह तरीका
बता दें कि बड़े प्रइवेट स्कूलों के आलावा कुछ प्ले-वे स्कूलों ने भी यह तरीका अपना रहे हैं। नियम यह है की किसी भी अभिभावक से इस तरह का शपथ पत्र नहीं ले सकते लेकिन एडमिशन प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए अभिभावकों से एक ही फार्म में नया नियम बनाकर स्कूल अपनी जिम्मेदारी से भागना चाहते हैं। राज्य में 15 हजार के करीब प्राइवेट स्कूल हैं, जिनके पास लगभग 41 हजार वाहन बच्चों को लाने और ले जाने के लिए परिवहन विभाग के पास रजिस्टर हैं। इनमें से भी 15 से 20 प्रतिशत वाहनों की तीन-चार सालों से पासिंग नहीं हुई है।

स्कूल बना रहे हैं ये बाहाना
कुछ स्कूलों ने इस अंडरटेकिंग को स्कूल नियमों में शामिल करते हुए नए फॉर्म निकलवा रहे हैं। ऐसे में स्कूल पुराने छात्रों के माता-पिता को स्कूल में बुलाकर नया फार्म भरने के लिए कह रहे हैं। बहाना यह बनाया जा रहा है कि नया रिकॉर्ड बनाने के लिए दिया जाएगा और इस आड़ में अभिभावकों से अपने बचाव की अंडरटेकिंग पर साइन लिए जा रहे हैं।

ठगे जा रहे हैं अभिभावक
वहीं, अभिभावक एकता संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश नरूला का कहना है कि एडमिशन के वक्त स्कूल संचालक केवल सुविधाओं और उपलब्धियों का गुणगान करते हैं। इसी बीच खुद ही बच्चे का फार्म भरकर तुरंत ही साइन ले लेते हैं और अभिभावकों को फार्म पढ़ने तक का समय नहीं देते। एडमिशन फॉर्म में स्कूल के नियमों के साथ बीच में छोटे फॉन्ट में यह एक लाइन भी जोड़ दिया गया है। जिस चलते अभिभावक अनजाने में ठगे जा रहे हैं।